क्रिप्टोकरेंसी और Blockchain की दुनिया में, Proof-of-Work (PoW) और Proof-of-Stake (PoS) शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं। कई लोग इन दोनों सिस्टम के बीच अंतर को सही से नहीं समझ पाते। वास्तव में, ये दोनों सिस्टम Blockchain नेटवर्क में लेन-देन को सत्यापित करने और ब्लॉक बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। तो चलिए, हम इनके अंतर को समझते हैं!
Proof-of-Work (PoW): गणना-आधारित मॉडल
सबसे पहले बात करते हैं Proof-of-Work की, जो कई प्रसिद्ध Blockchain नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जैसे Bitcoin और Ethereum (जो कि अब Proof-of-Stake में बदल चुका है)। PoW में, "माइनर्स" को जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए कंप्यूटर की शक्ति का उपयोग करना होता है। ये गणनाएँ नए ब्लॉक बनाने और Blockchain पर लेन-देन को सत्यापित करने में मदद करती हैं।
Proof-of-Work के लाभ:
- उच्च सुरक्षा: गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए बहुत अधिक गणना शक्ति की आवश्यकता होती है, जिससे नेटवर्क पर हमले करना बहुत कठिन हो जाता है।
- विकेंद्रीकरण: माइनिंग किसी भी जगह से की जा सकती है, जिससे यह एक केंद्रीकृत प्रणाली पर निर्भर नहीं होती।
Proof-of-Work के नुकसान:
- ऊर्जा की अधिक खपत: Bitcoin माइनिंग या PoW का उपयोग करने वाले अन्य क्रिप्टोकरेंसी को बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसे उच्च गणना शक्ति की आवश्यकता होती है।
- महंगा माइनिंग: माइनिंग के लिए महंगे हार्डवेयर और उच्च बिजली लागत की जरूरत होती है, जो छोटे माइनर्स को इस गतिविधि से बाहर कर सकती है।
Proof-of-Stake (PoS): सिक्कों के द्वारा सत्यापन
अब बात करते हैं Proof-of-Stake (PoS) की, जो विशेष रूप से PoW की कमियों को दूर करने के लिए विकसित किया गया है, खासकर ऊर्जा खपत के मामले में। PoS में, जो लोग अपने सिक्कों को "स्टेक" (Stake) करते हैं, उन्हें लेन-देन सत्यापित करने का अधिकार दिया जाता है, और इसके लिए उन्हें गणना शक्ति की आवश्यकता नहीं होती।
PoS में, जिनके पास ज्यादा सिक्के होते हैं, उनके पास नए ब्लॉक बनाने और ट्रांजेक्शन्स को सत्यापित करने का अधिक मौका होता है। सरल शब्दों में, "जो अधिक रखते हैं, वे अधिक सत्यापन करते हैं।"
Proof-of-Stake के लाभ:
- कम ऊर्जा खपत: PoS को गणना शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे यह PoW के मुकाबले बहुत कम ऊर्जा खपत करता है।
- लागत-प्रभावी: PoW की तरह महंगे माइनिंग हार्डवेयर में निवेश की आवश्यकता नहीं होती, जिससे लागत कम होती है।
- सिक्कों का स्वामित्व महत्वपूर्ण है: अधिक सिक्के रखने वाले लोग लेन-देन सत्यापन और नए ब्लॉक बनाने में अधिक प्रभावशाली होते हैं, जो सिस्टम को अधिक स्थिर बनाता है।
Proof-of-Stake के नुकसान:
- केंद्रीकरण का जोखिम: यदि कोई व्यक्ति या समूह बहुत सारे सिक्के रखते हैं, तो वे पूरे सिस्टम को नियंत्रित कर सकते हैं।
- हमले का जोखिम: जबकि PoS की सुरक्षा उच्च होती है, अगर कोई हमलावर पर्याप्त सिक्के प्राप्त कर लेता है, तो वह सिस्टम को नियंत्रित कर सकता है।
मुख्य अंतर का सारांश
- Proof-of-Work (PoW):
- लेन-देन सत्यापित करने के लिए गणना शक्ति का उपयोग करता है
- उच्च सुरक्षा
- उच्च ऊर्जा खपत और महंगा
- लेन-देन सत्यापित करने के लिए गणना शक्ति का उपयोग करता है
- Proof-of-Stake (PoS):
- सिक्कों के माध्यम से लेन-देन सत्यापित करता है
- कम ऊर्जा खपत और कम लागत
- सिक्के ज्यादा रखने वाले लोग सत्यापन में अधिक अधिकार रखते हैं
- सिक्कों के माध्यम से लेन-देन सत्यापित करता है
निष्कर्ष...
PoW और PoS दोनों के अपने लाभ और नुकसान हैं। दोनों सिस्टम Blockchain और क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको यह समझना होगा कि आपके उद्देश्यों के हिसाब से कौन सा सिस्टम उपयुक्त है। यदि आप उच्च सुरक्षा चाहते हैं और ऊर्जा खपत की परवाह नहीं करते हैं, तो PoW आपके लिए सही हो सकता है। यदि आप ऊर्जा की बचत और लागत प्रभावशीलता को प्राथमिकता देते हैं, तो PoS आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
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Source
https://www.businessinsider.com/personal-finance/investing/proof-of-stake-vs-proof-of-work